कहानी एक अच्छी /kahani ek achhi

  कहानी एक अच्छी  पाठ- 2 एक रोहित नाम के लड़के की कहानी है, जिसे एक बुक अपने घर के स्टोर रूम से मिलता,जिसे उसके दादा जी ने जंगल में एक पैड के नीचे से उठता है, और मरने से पहले उसे स्टोर रूम मैं छुपा देता है, ताकि उसे कोई न छुए रोहित की मम्मी जब स्टोर रूम मैं कुछ पुराने पुस्तको को रख देती है, तब उस पुराने बुक  मैं से कहानियों की पुस्तक उठाने के लिए रोहित जाता है, जहा।  पर रोहित को एक ऐसे बुक मिलता है, जिसे कोई भी इंसान खोलता है,तो भविष्य में जा कर वापस आजाता है।रोहित उस पुस्तक को खोल के देखता है, जहा लिखा रहता है, भविष्य में जाने के लिए  आपका welcome है, और रोहित भविष्य मैं चला जाता है, जहा रोहित को दिखता है, की वो जिस सायकल से स्कूल जाने वाला था उस सायकल को उसके स्कूल में उसी के दोस्त हवा निकाल देते है, और भाग जाते है। तब रोहित अपने सायकल को देख कर बहुत परेशान हो जाता । वो सोचता है, अब कैसा करूँगा बहुत दूर है घर पैदल ही घर जाना पड़ेगा। फिर भविष्य से वापस आ जाता है। और देखता है, की वो स्टोर  रूम मैं खड़ा है, तुरन्त किताब को बंद कर देता है । और कहानी पुस्तक उठाकर...

एक पिता की रियाल कहानी है ,जीन के 4 लड़की है !

  • नमस्कार दोस्तो  मेरा नाम अरविंद कुमार  है,

उनके नाम इस प्रकार है,

1 - सबसे बड़ी लड़की का नाम( कुसुम )  2, का नाम (रानी) 3 -लड़की का नाम ( भोली ) ओर सबसे छोटी लड़की का नाम (रीता  ) है ! इनका एक खुशहाल परिवार था, इनके पिता का नाम (सुरेश) था ? उनकी पत्नी का नाम( लक्ष्मी ) था , उनकी पत्नी घर में हाउस वाइफ थी, और सुरेश एक  ( company) मैं काम करते   थे, उनकी तनख्वाह 50,000/- था ? बहुत अच्छी जिंदगी चल रहा था, एक दिन सुरेश की बड़ी लड़की  कुसूम का रिश्ता आया लड़का किसी आफिस में काम करता था? ,




    उसके माता पिता  और बड़ा भाई और भाभी बेहेन थे, उनको लड़की बहुत पसंद आया लड़का को भी लड़की पसंद था,और लड़की को भी लड़का पसंद था ?  दोनो का  रिस्ता हुआ  3 - महीने के बाद सगाई हो गया सगाई के  2 - महीने के बाद शादी बहुत ही, धूम -धाम से हो जाता है ,

 शादी के एक हप्ते के बाद लड़की को वापस माइके भेज दिया जाता है ,  कुछ रीति रिवाज पूरा करने के लिए, जिससे  घर के सभी लोगो। को बहुत  खुसी मिलती है ! सुरेश अपनी बेटी को गले लगा कर पूछता है ,की बेटा तुम ससुराल मैं खुश तो हो न लड़की ने कहा पापा मैं ठीक हूँ, सुरेश कोई तकलीफ तो नही  बेटा कुसूम नही पापा वहा सब बहुत अच्छे है ,मेरे सास ससुर और आपका दमाद  मेरा बहुत खयाल रखते  है , पापा ये जान कर की हमारी लाडली ससुराल में खुश है ! और वापस लड़की को 

1, महीने  के बाद ससुराल  भेज दिया जाता है! फिर भी कुसूम के बारे में ही सोचते थे ,की वो ससुराल में कैसी होगी कुसूम का हाल चाल जानने के लिए कुसूम के घर पहुचे बिना बताए , सुरेश ओर उनकी पत्नी  लक्ष्मी को वहाँ, सब देख कर हैरान हो ,जाते हैं, ओर उनसे कहते है, कि आप अगर पहले बता दिए होते तो आपकी आने की खुसी में कुछ तैयारी कर लिए होते ,फिर

सुरेश ने कहा कि नही हमे कुछ काम था अमित नगर में इस लिये हम  आए ,थे  फिर लक्ष्मी ने कहा कि हम जब अमित नगर  आये  है ,तो कुसुम से मिलके आते है, तभी कुसूम के ससुर ने कहा कि बहुत अच्छा किये अगर हमे पता होता ,तो आपकी खातिरदारी बहुत अच्छे से किये होते

 सुरेश कोई बात नही हम तो कुछ काम से आये थे कुसूम के  ससुर ने कहा आइये बैठिये ,आप ही का घर है, फिर एक खुसखबरी मिलती है, कि आप नाना - नानी बनने वाले हो आप की लड़की  माँ बनने वाली है, ये बात सुन कर सुरेश ओर उनकी  पत्नी लक्ष्मी अपने बेटी के बारे में पूछते है ,कहाँ है ,हमारी परी वो आराम कर  रही  है, रूम में और दामाद जी कहाँ है, वो तो आफिस में हैं , हमने खबर दे दी है ,वो जल्दी आजायेगा लक्ष्मी ने कहा क्या हम अपनी बेटी से मिल सकते हैं, कुसुम के सास ने कहा ये आपका घर है, आप उनसे मिल सकते अगर आप रुकना चाहते है, तो रुक सकते है, आपका घर है, 

जब कुसूम को पता चला कि उनकी ममी पापा आये है, तो वो भागते भागते अपनी ममी पापा से  खुस हो कर  गले लग जाती है, ओर बताती है, की माँ मैं माँ बनने बाली हु फिर कुसूम की माँ आशीर्वाद देते हुए ,कहती है, की तुम खुस रहो तुम्हारी लम्बी उमर हो और तुम्हारे  पेट मैं जो बच्चा है, वो सही सलामत इस दुनिया में आये और उसकी लम्बी उमर हो  कहती है, फिर

 कुसूम पूछती है ,की मेरे बहने केसी है,  माँ कहती है, तुम खुद फोन कर के देख लो रानी घर में खाना बना रही थी ,तभी फोन आता है कुसूम का रानी फोन उठा लेती है ,और कहती है ,दी आज याद आई हमारी हम कैसे  है, जाओ ! दी हम आपसे बात नही करते तभी कुसूम कहती है, घर में काम बहुत रहता है, इस लिए फोन नही कर पाती तुम लोगो का बहुत याद आती है, रे अच्छा झूटी दी कहते हुए हॉल मैं जाती है जहाँ  पर  भोली बैठकर टीवी देख रही होती है, और रानी की बाते सुनते हुए कहती है , कुसूम दी है ,क्या फोन पे रानी कहती है, हा तभी भोली कहती है,दी फोन दो  ना बात करनी है दी से तभी रानी कहती है ,दी भोली तुम से बात करना चाहती हैं, तभी 

कुसूम कहती हैं  रानी तुम मोशी बनने वाली हो  रानी क्या बोली दी  कुसूम/ तुम मोशी बनने वाली हो रानी -रानी खुश हो कर चिलाती हुई नाचने लगती है, भोली भी नाचते हुए चिलाती है में मोशी बन गई तभी बाहर मैं रीता खेल रही हो ती है ,अबाज सुन कर घर घुस जाती हैं ,और दीदी क्या हुआ ! तुम मोशी बन गई गुडिया कहती है,रानी से भोली फोन छीन लेती है और कहती है, सच में दी आप माँ ,बनने वाली है,
कुसूम हा छोटी ,दी  ममी पापा आये है ,वहाँ पे  कुसूम हा छोटी ,तो ममी पापा वापस कब लौटेंगे वहाँ से दी ,कुसूम माँ  से पूछती है, रात तक रुकोगे न माँ नही बेटा घर में बच्चे अकेले है,इस लिए हम घर जायेंगे जल्दी 

कुसूम भोली को कहती है, छोटी माँ पापा शाम तक आजायेंगे ,,,,,,,,

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