कहानी एक अच्छी /kahani ek achhi

  कहानी एक अच्छी  पाठ- 2 एक रोहित नाम के लड़के की कहानी है, जिसे एक बुक अपने घर के स्टोर रूम से मिलता,जिसे उसके दादा जी ने जंगल में एक पैड के नीचे से उठता है, और मरने से पहले उसे स्टोर रूम मैं छुपा देता है, ताकि उसे कोई न छुए रोहित की मम्मी जब स्टोर रूम मैं कुछ पुराने पुस्तको को रख देती है, तब उस पुराने बुक  मैं से कहानियों की पुस्तक उठाने के लिए रोहित जाता है, जहा।  पर रोहित को एक ऐसे बुक मिलता है, जिसे कोई भी इंसान खोलता है,तो भविष्य में जा कर वापस आजाता है।रोहित उस पुस्तक को खोल के देखता है, जहा लिखा रहता है, भविष्य में जाने के लिए  आपका welcome है, और रोहित भविष्य मैं चला जाता है, जहा रोहित को दिखता है, की वो जिस सायकल से स्कूल जाने वाला था उस सायकल को उसके स्कूल में उसी के दोस्त हवा निकाल देते है, और भाग जाते है। तब रोहित अपने सायकल को देख कर बहुत परेशान हो जाता । वो सोचता है, अब कैसा करूँगा बहुत दूर है घर पैदल ही घर जाना पड़ेगा। फिर भविष्य से वापस आ जाता है। और देखता है, की वो स्टोर  रूम मैं खड़ा है, तुरन्त किताब को बंद कर देता है । और कहानी पुस्तक उठाकर...

एक पिता की रियल कहानी पाठ-5





सुरेश उस दिन 12 :00 बजे रात को office से घर लौट ते है, उस दिन घर में, लक्ष्मी सुरेश के इंतजार मैं बहुत परेशान थी ।और रानी अपनी माँ को परेशान देख कर दोनो सुरेश का इन्तजार  करते है। सुरेश जब घर आते है, उस समय लक्ष्मी कहती है, ए जी जब आपको इतना टाइम लगेगा । पता था तो आप पहले से क्यूँ नहीं बताते की रात हो जायेगा वो भी 12:00 बज जाएगा । सुरेश कहता है। कि काम बहुत था ?



पर फ़ोन करना चाहता था। मगर  घर का फोन खराब था?'इस  कारण फोन नही कर पाया । पर बता कर जा सकते थे । न  आप,  रानी कहती है, हा पापा बता के जाना चाहिए । माँ बहुत परेशान हो जाती है। सुरेश हा बेटा सही बात है । पर क्या करूँ ध्यान से उतर गया। 





लक्ष्मी कहती है,अच्छा आप हाथ मु धो लो खाना लगा देती हूँ। रानी  माँ मैं अब सोने जा रही हूँ। माँ कहती है। जा बेटा सुरेश हाथ मु धोकर खाने मैं, बैठ जाता है, और लक्ष्मी से पूछता है। तुम खाना खाये लक्ष्मी कहती है । नही खाई हूँ। क्यूँ नही खाये, आप जो घर में नही थे, इस लिए।




जाओ खाना खा लो , नही मैं नही खाऊँगी। क्यों नही खाओगे बहुत रात हो गया है। मेरा मन नही है, खाने के लिए सुरेश कहता है थोड़ा सा भी खा लो अच्छा लगेगा नही। बोलती है। सुरेश फिर बोलता है। मेरा खाना थोड़ा सा खालो नही जी जिद मत करो सच मे , इच्छा नही है । वरना खा लेती सुरेश फिर कहता है। खा लो please नही जी,




कुसूम का आज डिलवरी का दिन है। और कुसूम अपने पति और माँ को miss करती है,कुसूम अपने पति को कहती है। ए जी माँ को फ़ोन लगाओ ना ,तभी कुसूम की पति अमन अपने सासुराल में फोन लगता है। फ़ोन खराब होने के कारण फोन नही लगता तभी ससुर जी के मोबाइल मैं फोन लगाता है। 




रानी फोन उठाती हैं। helo जीजा सुबह - सुबह कॉल  कैसे जीजा तेरी बेहेन कुसूम को हॉस्पिटल, ले के आये  है, डिलवरी के लिए। अच्छा रुको जीजा मम्मी पापा से बात कर लो माँ जीजा का फोन है। क्या हुआ । दीदी हॉस्पिटल मैं , है जीजा बोल रहे है। helo बेटा क्या हुआ । कुसूम को हॉस्पिटल मैं, डिलवरी के लिए लाये  है। ये लो बात कर लो?





कुसूम कहा हो माँ जल्दी आओ ना । माँ  आरही हूँ बेटा पर कहाँ आना है। बाल गोपाल हॉस्पिटल मैं, माँ आ रही हूँ। बेटा ज्यादा बात मत करो बेटा में आ रही हूँ  रखती हूँ। लक्ष्मी सुरेश से कहती है, ए जी जल्दी चलो हमारी बेटी हॉस्पिटल मैं डिलवरी के लिए गई है । पर डर रही है । चलो जी ओक ? 




लक्ष्मी रानी से  तुम घर मे रहना हम आ रहे है बेटा रानी नही माँ हम भी जायेंगे आप। के साथ नही बेटा तुम घर का ख्याल रखना रीता और भोली स्कूल से आयेंगे तो हमें ढूंढेंगे। इस लिए बेटा ok माँ 




लक्ष्मी हॉस्पिटल पहुचती है। और रिसेप्शन मैं पूछती है ,की कुसूम शर्मा यहाँ कहा पर एडमिट है, नर्स पूछती है। क्या डिलवरी के लिए आई है। क्या हा । तो मैडम आप यहाँ से सीधा right मूड जाईये




अमन और उसकी फैमिली बेन्च मैं बैठ कर इन्तजार करते है।बच्चा और कुसूम को सही सलामत। देखने के लिए तभी सुरेश अमन को देख कर कहता अभी मेरी बच्ची केसी है। अभी अन्दर ले के गए है। बस उसीका  का इंतज़ार चल रहा है।

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