एक जंगल में रहने वाला बन्दर जीसका नाम था हनी जो पेड़ मैं
खेल रहा था। अचानक पेड़ से गिरता है। नीचे । उसके सामने एक बन्दरी बैठ कर रोने लगती है,उसका नाम मोहनी उसे देख कर बन्दर पूछता है।क्या हुआ ।मोहनी, कहती है। हम जहा रहते है। वहा नजाने कहा से एक मगर मच्छ आ गया है। जो हमारे नगर के सभी बन्दर को लेके जाता है।
ये केह कर की तुम्हें एक ऐसी जगह। लेके जाऊंगा।की वहा पर अमरूद, और केले का पेड़ है। जहाँ पर तुम राज करोगे।और सभी बन्दर उस मगर मच्छ के कहने मैं आ कर चले जाते है। और आज तक वहा से कोई वापस नही लोटा आज मेरे भाई को ले के जा रहा है। अच्छा कहा है। वो तेरा भाई घर में जाने की तैयारी कर रहा है।
चलो मैं उसे बात करता हूँ। वैसे आपके मम्मी पापा ,उसे रोक
नही सकते नहीं मेरे मम्मी पापा नही रहे। ओ sorry माफ करना मुझे पता नही था। कोई बात नही एक दिन पड़ोस वाले अंकल,ने कहा मम्मी को कहा कि आपकी माँ का तबियत बहुत खराब है। कभी भी कुछ हो सकता है। वो तुम्हें याद कर रही है। जल्दी से जाओ, उनसे मिल के आओ ।
उसी दिन मम्मी पापा उनसे मिलने के लिए जा रहे थे। पर
नदी का पानी बहुत ज्यादा तेज था । जिसके कारण वो डूब गए। तभी हानि बोलता है। नही तुम्हारे मम्मी पापा को वही मगर मच्छ ने रास्ते में रोक कर कहा श्रीमान जी आप कहा जा रहे है। तुम्हारे पापा ने कहा मैं अपनी बीबी के साथ नदी के उस पर जा रहा हूँ। पर क्यूँ मेरे बीबी की माँ का तबियत ठीक नही है। अच्छा पर आज नदी बहुत तेज बैहय रही है।क्या करोगे कोसिस करेंगे। अगर बुरा न लगे तो क्या मैं उस पार छोड़ दूं बस मेरे पिट के ऊपर बैठ जाओ।
पर तुम्हारे पापा ने सोचा की ये मासा हारी है। इस के ऊपर
बैठना ठीक नही है। फिर अपने बीबी के कान मैं कहा अरे ये तो मासा हारी है। इस के ऊपर बैठना ठीक नही है। फिर तुम्हारी माँ ने कहा अरे भाई सहाब आप जाइये। हम चले जाएंगे। मगर मच्छ ने कहा देखिए, बेहेन जी पानी बहुत तेज है।आप दोनों उस पार नही जा पाएंगे। इस लिए मैं कैह रहा हूँ। मान जाइये।
आप ये तो नही सोच रहे है। कि मैं मासाहारी हूँ। और आप
दोनों को खा जाऊंगा। तो आप गलत हो क्योंकि मैं शाकाहारी हूँ। और दूसरों से अलग हूँ। मैं जिता हु हरि- हरि घास फूस खाकर अगर आप को यकीन नही है। तो आपकी ईच्छा मैं तो आपको मुसीबत, मैं देखकर बोला पर आप तो यकीन नही करते आपकी इच्छा मैं चला
तभी तुम्हारी माँ ने कहा । भईया रुको ,चलो हम आपके पीठ
मैं बैठ कर चलते है।तभी तुम्हारे पापा ने कहा अरे क्या बोल रही हो समझा करो ये ठीक नही है। क्या कर रही हो। मम्मी ,का हालात ठीक नही है। जल्द पहुचना है समझा करो ये बहुत अच्छे है। हमे जल्द पहुचा देंगे। उस पार अगर हम जाने की कोशिश करेंगे तो नही जा पाएंगे। वैसे भी मगर मच्छ ,शाकाहारी है। उसका कोई चाल हो सकता है। मत जाओ । भाईसाहब मेरा कोई चाल नही है। अगर आप इतना ही मुझसे डर रहे है । तो बेहेन जी आप उतर जाइये मैं चलये जी डरो
मत अच्छे भाई साहब है। फिर भी डरते हुए बैठ जाता है । मगर मच्छ के चाल मैं फंस जाते है। नदी के बीचों बीच ले के जाता है। और पानी के अन्दर घुस जाता है।दोनों पति पत्नी , पानी फंस जाते है। तभी आप के मम्मी पापा का शिकार कर ले त है।
ये सारी बाते आपको कैसे पता मैं। वहाँ पर पेड़ मैं बैठा था।
और उन लोगो का बात सुन रहा था। तो अपने बचाया, कियूँ नही। आपको पता है। कि वो इतना बड़ा है। और मैं इतना छोटा सा हूँ। मैं क्या कर सकता था। जब आपके पापा ने इतना समझाया पर आपकी मम्मी नही मानी तो मेरी बात कैसे मानती ।
मोहनी कहती है।पर मैं नही छोडूंगी उसे, सबसे पहले मोहन
भईया को बचाते है चलो
दोनो जाते है। उसके भाई के पास और सारी बाते बताते है। तब उसका भाई इतना घुसा हो जाता है। मैं अभी जा कर उसे सबक सिकता हूँ। हनी ने कहा अभी ,सबसे पहले पंचायत ,बैठाते है। और उसे कैसे मारना है। वो सोचते है।
दूसरे दिन पंचायत बैठाते है। और सारी बाते बताते है। जिसे
पंचायत घुसा हो जाते है। आपने हमे पहले बताए कियूँ नही।हनी माफ कीजियेगा। मैं।सदमे मैं था उस कारण मैं न किसी से बात कर पा रहा था और न कही जा पा रहा था। पर अब मैं नही डर ता उस सैतान से पर मेरे पास एक तरकीप है। उसे मारने का क्या है। वो हमें उस पहाड़ी के ऊपर जाना है जहाँ एक पौधा मिलेगा। जिसका रास कोई पी जाये तो कुछ देर में खत्म हो जाएगा । पर उसे पिलाये कैसे उसे पिलाना नही है।
उसे एक मारा हुआ सुअर के अन्दर ,उसका रास डाल देंगे
जिसे वो सैतान खा के मर जायेगा । मरा हुआ । सुअर अब कहा मिलेगा । जब में यहां आरहा था तब देखा मारा हुआ । सुअर आगे कुछ दूर मैं है। उसे किसी के हाथों से मंगा लो अब वो पौधा कहा से लाये जल्दी, उसके लिए भी मैंने सोचा है क्या हमारे पक्षी राज से मदत मांगते है। तभी सरपंच बोलता है। चलो पक्षी राज के पास उसे मदत मांगते है
सारे बन्दर पक्षी राज के पास जाकर बोलते है श्री मान पक्षी
राज जी हमे आपकी मदत चाहिए । तभी पक्षी राज कहता है क्या हुआ। जो आप सभी को मेरी जरूरत आन पड़ी । मोहोदे जी एक मगर मच्छ है। जो हमारे बहुत सारे साथियों को बहला फुसला कर शिकार कर रहा है। उसे इस दुनिया से दूर करना है । पर हम आपकी इसमें ,केसी मदत कर सकते है। बस आपकी कुछ साथियों ,की मदत से हो सकती है। पर कैस
पहाड़ के उस पार हमारे कुछ साथी रहते है उन्हें जा कर ये पत्र दे दीजिए ,और वहाँ से जो जहरीला पौधा देंगे उसे आपके
साथियों को कह दो उस पौधे को लेके आएंगे। पक्षी राज सभी पक्षियों ,को आदेश देते है। कि जाओ उनकी मदत करो,
सभी पक्षी उड़ कर पहाड़ के उस पार जाते है । और तभी
वहा बहुत सारे बन्दर आसमान की और देखते रह जाते है। उनके और बहुत सारा पक्षी आते है। और कहते है। हमे आपको एक संदेश देना है आपके कुछ साथियों के जान खतरे में है। वो आप सभी से मदत माँगी है। हमे ये संदेश आपको देना था। और ये पत्र , तभी वहां के मुखिया सामने आकर कहता है। क्या है। उस पत्र मैं, तभी एक पक्षी मुखिया के पास आता है और देता। मुखिया पत्र सब के सामने पत्र पड़ता है। और सभी को आदेश देता है। कि जल्द जाओ । और वो विस्य काली, पौधा तोड़ कर इनको देदो, सभी तोड़ कर लाते है और उनको दे देते है।
सभी पक्षी एक साथ उड़ कर वो पौधा ले जाते है। और उन
सभी बन्दरों को दे देते है उनमे जो होशियार बन्दर जिसका नाम हनी है।वो कहता है। उसे पीस कर उसका रस निकाल कर उस सुअर के शरीर में पोत देते है। उसके शरीर के अन्दर भी डाल देते जिसे सूअर बहुत जेहरिल हो जाएगा ।फिर उस
मोहनी के भाई को कहते है। तुम जाओ। और उसको कहो कि एक बड़ा सा सुअर मर गया है। जो मेरा दोस्त था उसकी लहास को मुझे दफन करना है। उसके बाद में उस पार जाऊंगा वैसे ही जा कर बोलता है। ये बात सुन कर
मगर मच्छ मन ही मन खुश हो जाता है। अच्छा तुम मुझे बताओ मैं उसे दफन कर दूंगा। और तुम्हे कुछ काम है। तो वो तुम कर लो बाकी काम में कर दूंगा । पर वो तो मेरा दोस्त है। तो क्या हुआ मैं भी आप का दोस्त हूँ। न तो उसी प्रकार वो भी मेरा दोस्त है।
ठीक है। आप की इच्छा तो चलो मैं आपको वहा लेके जाता
हूँ। सभी बन्दर छुपे हुए रहते है। मगर मच्छ जैसे ही सुअर को देखता है। तो सोचता है क्या बात है। आज तो मेरा जैकपॉट लग गया है। इसे तो पूरा -पूरा खा जाऊंगा। इस बन्दर को कल देखूंगा आज इसे बोल दूंगा आज मुझे कुछ काम है। फिर बन्दरी बोलता है ये है । दोस्त इसे दफना दो में चलता हूँ। बन्दर को जाते देखता है। फिर उस सुअर को खा जाता है। कुछ समय के बाद उसे मगर मच्छ तड़प-तड़प कर मर जाता है। जिसे देखने के लिए पहाड़ के उस पार के बन्दर भी आते है। और सारे बन्दर मिल कर खुशिया मनाते है। और इसी प्रकार इस कहानी का अन्त हो जाता है।
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