अनाथ बच्चे की कहानी
एक अनाथ बच्चे की कहानी, जिसके माँ बाप नही, रहते। वो एक शिव मंदिर मैं ही पला बड़ा होता है। वो हर किसी को अपना मानता है। वो सुबह उठ कर , मंदिर के आँगन को झाड़ू लगता मंदिर, के आँगन को धोता है। हर, किसी की मदत करता। किसी का भी दिल नही दुखाता, वो हर किसीको , अपना मानता,उसे बस प्यार चाहिए रहता है। अगर कोई मंदिर की सीडी, नही चढ़ सकता तो उसे आराम से चढ़ाता। अगर कोई दूर से मंदिर दर्शन, के लिए आया होता है। और अचानक, उसका तबियत खराब हो जाता है।
तो उनका ध्यान देता, उसका सेवा करता ,उनको मंदिर के
भगवान का दर्शन करता है।वो एक बोहोत अच्छा, लड़का रहता है। वो हर किसी की मदत करता, पर एक दिन वो बुखार से तड़प रहा था। तो उसे न मंदिर के पंडित, ने उसकी सेवा किया,ना वहा सोने वाले कोई पर वो लड़का हर किसी की मदत, करता था। उसे बुखार से तड़पते देख कर किसीने भी मदत, नही क्या। तब स्वयंम भगवान शिव ने एक साधु के रूप मैं उसकी, सेवा के लिए आये।
उसे देख कर उसका, देख भाल करते उसके सिर पर अपना
हाथ रख कर उसे ठीक कर देते है। फिर उसके सपने, मैं उसे स्वर्ग लोग की शेयर करते है। उसको वो खुशी मिलती है। जो आज तक कभी, भी वो खुशी नही मिली थी। वो स्वर्ग लोग मैं नये - नये दृश्य देखता है। जो आज तक कभी, नही देखा था। वहाँ साधु संत अप्सराये, और फूल पौधे पेड़ पक्षी, और बहुत ही सुंदर-सुंदर आकर्षण, चीजे देखता है। अपने सपने मैं जो आज तक कभी, नही देखा था।
और जब दो दिन बाद उसे होस आता है तो वही सभी दृश्य
को ना देखकर उसे बड़ा अजीब, लगता है।पर उसे ये जानकारी, नही होती की ये सब सच था स्वयंम, भगवान
आकर उसे आशीर्वाद, प्रदान कर उसे चंगा करते है।
फिर एक बार एक छोटी सी बच्ची, उस मंदिर पर आती है
और हाथ जोड़कर, कुछ बोलती है की भगवान, मेरी इच्छा पूरी क्यों नही करते, उसी समय वो लड़का जो मंदिर, में पला बडा था उसे देखकर, उसके पास आता है, और कहता है।
क्या मांग रही हो भगवान से वो केहती है देखो ना भईया
भगवान मेरी नही सुनता, मैं हमेशा केहति हु मेरे माँ पापा, क्यों लड़ते रहते है। वो हमेशा लड़ते झगड़ते, रहते है, मैं चाहती हु वो ना लड़े क्योंकि, उनकी झगड़े में वो ना मुझे, ध्यान देते हैं ।ना मेरे पढ़ाई पर इसलिए, मैं चाहती हु की मेरी मम्मी, पापा न छगड़ा लड़े दोनो एक दूसरे, से प्यार करे, ओर मुझसे प्यार करे, और एक साथ रहे और एक दूसरे के साथ, समय बिताए
तभी लड़का बोलता है। की बहना मेरी बात भगवान सुनता है।
मैं तुम्हारे लिए भगवान, से प्राथना,करूँगा तुम चिंता मत करना तुम देखना, तुम्हारे, मम्मी पापा अबस, एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताएंगे, दोनो मैं प्यार रहेगा। तुम्हे भी समय देंगे, ओर प्यार देंगे कहता है। वैसे ही होता है। एक दिन उस लड़की के मम्मी पापा, अपने, रिस्ते दार के यहा शोक मनाने जाते है। एक दूसरे से बात करे बिना, दोनो वहा जाते है। उन दोनों के अंदर बहुत, घमंड रहता है।
पति पत्नी होने के बावजूद एक दूसरे से बात नही करना
चाहते थे। जब अपने रिस्ते दार के यहा शोक मनाने जाते है।तब पता चलता है। की उनका एक 8 साल, की लड़की थी अपने मम्मी पापा, के प्यार के बिना जीती थी। खाना पीना सब छोड़ देती है। अचानक उस लड़की, का तबियत खराब हो जाता है। वो लड़की अपने मम्मी पापा, को केहती है। मम्मी पापा आज आप ऑफिस, मत जाओ न मुझे, आप दोनो की जरूरत है।
तभी उसके मम्मी पापा कहते है। बेटा सुनीता ऑन्टी
तो है। हम जल्दी आजाएंगे, और इधर वो लड़की हमेशा के लिए इस दुनिया, को छोड़ देती है। जब ऑफिस, से जब दोनो आते है। तो उस समय सुनीता, उनके मम्मी पापा को बहुत सुनाती है।तब उसके मम्मी पापा को पस्ताव, होता है। अपनी बच्ची के लिए, और ये बात जब सब को पता चलता है। तो सब का होस उड़ जाता है।
तब उस लड़की के मम्मी पापा को पता चलता है। की बच्चो
के साथ समय बिताना, कितना जरूरी है। उन्हें प्यार देना कितना, जरूरी है। जब उस लड़की को अपने मम्मी पापा, का साथ और प्यार मिलता है। तो वो लड़की उस मंदिर, मैं अपने मम्मी पापा को ले के जाती है। उस लड़के से मिलाती है। और केहती है।मम्मी ये है, वो लड़का जो सब की देख भाल करता है।सब को प्यार लुटाता, सब को अपना मानता है। वो लड़का मेरे लिए प्राथना किया था। जिसके कारण आज, आप दोनो मेरे साथ समय, बिताते हो और अब आप दोनो मैं झगड़ा भी नही होता है। इस प्रकार,
लड़की उस लड़के को सुक्रिया कहने आती है। ओर अपने ।
अम्मी पापा को मिलाती है। लड़के से उसके मम्मी पापा, बात करते है। आपके मम्मी पापा कोन है। हमे नही मिलोगे क्या। नही मेरे मम्मी पापा नही है। मैं अनाथ हूँ क्या बेटा तुम हमारे बेटे बनोगे हमारा कोई बेटा नही है। इस तरह उस लड़के को माँ बाप का प्यार मिलता है।और उसकी जिंदगी मैं खुशी आती है।
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