एक चिल्ल और लड़की की कहानी
सुमन नाम की एक लड़की थी वो प्राकृतिक से बहुत प्यार करती थी। उसका घर नदी के पास था। अपने घर के पास मैदान में हमेसा पैड लगाती थी और पास के नदी से पानी लाके डाला करती थी। उसका आदत बहुत अच्छा था उसके घर वाले उसके आदत से खुश थे उसके पिता ये आदत देख कर अपने लड़की के लिए अमरूद का छोटा सा पैड ला देता है। जिसे देख कर सुमन खुश हो जाती
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ek ladki or chill ki kahani |
और उसे जल्दी ले जा कर मैदान में लगा देती है इसी प्रकार
सुमन के पिता बहुत सारे छोटे - छोटे फॉलो के पैड पौधे ला कर देदेता था और सुमन उसे मैदान में जा कर लगा देती थी। एक दिन सुमन को एक चिल्ल का बच्चा नदी मैं बेहते - बेहते सुमन के पास आ जाता है। सुमन उसे पकड़ लेती है। और दये-बाएं देखती है। पर उस की माँ नही दिखती तो
सुमन उसे ले कर अपने पास रखती है। उसे दाना देती है।उसका
ख्याल रखती है उसके लिये एक घोसला बनाती है। सुमन एक दिन अपने पापा के साथ मार्केट जाती है सब्जी लेने के लिए तब सुमन खरगोश को देखती है जिसे एक आदमी बेचने लाया होता है। उसे खरीदने को सुमन अपने पापा को कहती है। उसके पापा कहते है क्या करोगी बेटा तब सुमन कहती है पापा उसे मैं अपने गार्डन मैं पालूंगी
इस प्रकार सुमन जिस मैदान में पैड लगाई थी आज वो पैड
बहुत बड़े - बड़े हो गए है और बहुत फल - फूल देते है। और सुमन भी अब थोड़ा बड़ी हो गई है सुमन जिस चिल्ला के बच्चे को लाई थी आज वो भी बड़ी हो गई है और सुमन की हर बात मानती है। उसी प्रकार खरगोश भी सुमन की बात मानता है। सुमन के गार्डन मैं बहुत सारे पकछिया मोर और गिलहरी आजाते है जब सुमन के मम्मी पापा जब सुमन की गार्डन मैं टहलने जाते है तब देख कर चोंक जाते है
जब सुमन को पत्थर के ऊपर बैठ कर सभी पक्छियों को दाना
खिलाते देख कर और गार्डन मैं फूल और पैड मैं फल बहुत सारा देख कर मोर और पक्छियों के चेह - चेहआहत सुन कर सुमन के माता पिता को बहुत आनंद मिलता है। जिसे सुमन को उसके मम्मी पापा एक बैंच खरीद कर लादेते है। और सुमन को कहते है आज से ये गार्डन का नाम सुमन गार्डन है।
एक दिन सुमन अपने मम्मी पापा के साथ मार्केट घूमने जाती है।
उस समय कुछ बदमाश सुमन के हाथों से पर्स छीन कर भागने की कोसिस करता है उस समय आसमान मैं सुमन का दोस्त चिल्ल घूमते रहता है। जब सुमन के हाथों से चोर पर्स ले कर भागने की कोसिस करता है तब चिल्ल उड़ कर उस बदमाश को अपने पंजे से हमला कर देती है। जिसे चोर बचाओ - बचाओ कहता है। तब सुमन पर्स उठा कर कहती है।
अब चोरी करेगा किसी गरीब का जो अपने खून पसीना से
कमाते है। बता कहती है कुछ लोग बचाने को आगे बड़ने की कोसिस करते है तो सुमन मना करती है। वो मेरा पक्छि है। फिर उस पक्छि को कहती है छोडदो उसे चिल्ल तब वो चिल्ल उसे छोड़ कर सुमन के हाथ मैं बैठ जाती है। तब वहा के लोग उस चोर को मारने के लिए आगे बड़ते है। और पुलिस को दे देते है। और सुमन अपने घर अपने मम्मी पापा के साथ चली जाती है।
सुमन अपने गार्डन मैं अपने पक्छियों के साथ खेलने चली जाती
है और सुमन के मम्मी पापा भी सुमन के पास जा कर बात करते है कि बेटा तुम पहले कोई महान आत्मा थी होगी तभी तो तुम्हारी बात हर पक्छि मानते है। एक दिन सुमन की माँ की मायके मैं शादी था वहाँ सुमन की मम्मी पापा ओर सुमन गई थी वहां कुछ लड़के गुलेर से चिड़िया मार रहे थे सुमन को पता नही था अचानक एक घायल चिड़िया। सुमन के पास आकर गिर जाती है जिसे सुमन देख कर घायल चिड़िया को उठा कर मलहम पट्टी कर उन लड़कों से गुलेर
छीन कर बोलती है। तुम लोग इस बेजुबान पक्छियों को क्यों
मार रहे हो तब वो लड़के उस लड़की से बत्तमीजी से बात कर के गुलेर छिनने की कोसिस करते है। तब सुमन चिल्ल को आवाज लगती है। तब चिल्ल तेजी से आती है और उन लड़कों को अपने पंजे से हमला करती है। और साथ मैं वहा के पक्छि भी उन लड़कों के ऊपर हमला कर देती है।
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